जतका बडो गौ , वेमा उतका बनी की जात अर लोग भी! हमरा गौ माँ कई जात का लोग छन जनकी असवाल , बिस्ट ,नेगी रावत ,भंडारी , बिंजोला , भट थपलियाल और काला आदि आदि ! गौ कवी कारिज इनु नी .., की , जैमा घ्परोल नि हुवे होलू ! कभी डाल्ला कटन लेकी त, कभी पंचैत का भानडॉ लेकी , त कभी तैलया खोल मैल्या खोल लेकी ! असवाल --, रोतू से खार खांदा छा त, काला भटु से ... ! बुनो मतलब यु च की बस , बाना चैद अर, झगडै बाण खड़ी ! मजाल च जू कभी कुई काम चैन से निभी जा !
नेगी जी की नौनी बियो की तारीख जनि नजीखु आई , उनी .., बाना खुज्यान बैठिनी . की, कनकुवै ये सुभ कारिजम बिखन डलेजा !
स्यु साब ..., रोतुल बोली " पैली ---, ब्योली बुब्बा पंचैत कु दंड दया, फिर हम सामिल हुला ! " ,
अस्वालुल बोली .. " ठीक च साब , गौ माँ बेटी ब्यू च ! हम सब थै सामिल हुवे की कारज थै निभाण चैद पर , ईयुंन , पोर ... जू पंचैत डाला कटा छा वांकु क्या होलू ? जब तक ये पूरा पैसा नि देदा हम त कतई सामिल नि हूय्वे सकदा ...! "
भट जी बोली " ठीकी छन असवाल जी बुना ! ... य भै , गौ माँ रैण त, भो -भयात त निभानी पोडली ! "
गुसम काला जी बिफरा .. ." कैसे बात करते हो तुम लोग है ? एक वार त , गौ की नाक का सवाल है , अर ऐच से तुम ... अपणी अपणी पुरानी बथो को रो रहे हो ? निखत है तुम लोगो के लिए जू , इस सामाजिक काम में ऐन टैम पर अड़ंगा डाल रहे हो ! " बहस जारी थी की तभी दुल्हा वालो की तरफ बीटी कुई आई उ बोली .... मी ब्योला की तरफ से ये रैबार लेकी आयु छो की --------
" ब्युलो बुब्बा राजी नि छ न आपका यख से रिश्ता कनु ? "
सुणी सब सन्न रैगी ! भंडरीजिल जनि सुणी उन सब्यु से बोली " देख्याल आपल अपनी कामुकू नतीजा .. कख ब्युओ छो हूणु अर अब , स्य छा ...., एक हैक कु गिचु दिख्णा ! अभी भी समझा , भोल तुम्हरी नौनियु का ब्युल भीत हुणा----- ! अगर इनी हाल राला अर इनी रिश्ता लौटयदै राला त, तब क्या होलू ?
सब्युन एक स्वर म बोली '----- अछु हुवे जू उन , यु रिश्ता तोडी! .. अरे बरात आई या नि आइली , पर चला .. ये बना से हमक त हुया ! हमरा सरया गौ अब एकत हवे !
Copy Right@परासर गौड़ ७ अगस्त ०९
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments