- धुये धुये की ग्वरा, अर लगै लगै की स्वरा नि होन्दा ।
- कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
- अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
- बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
- अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
- साग बिगाड़ी माण न, गौं बिगाड़ी रांड न ।
- कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
- जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु ।
- ना गोरी भली ना स्वाली ।
- राजौं का घौर मोतियुं कु अकाल ।
- जख मिली घलकी, उखी ढलकी ।
- भैंसा का घिच्चा फ्योली कु फूल ।
- सब दिन चंगु, त्योहार कु दिन नंगु ।
- त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
- कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल ।
- सारी ढेबरी मुंडी मांडी, अर पुछ्ड़ी दाँ न्याउँ (म्याउँ) ।
सन्दीप काला
उत्तराखण्ड, भारत ।
मैं सन्दीप काला आप सभी का अपने ब्लोग मे स्वागत करता हूँ । मैं इस ब्लोग के माध्यम से उत्तराखण्ड की संस्कृति, संगीत व सौन्दर्य से आप लोगो को अवगत कराने का प्रयास कर रहा हूँ । इस प्रयास मे अगर किसी के व्यक्तिगत भावो को ठेस पहुँचे तो मै क्षमा का प्रार्थी हूँ । धन्यवाद ।
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