एक आदिम सडका किनार तोता लेकी बैठियु छो ! जो , जोर जोर से बोनु छो "
".. आवा .. आवा अप्णि अप्णि किस्म्म्त अजमावा ! आप दगड भ्व्वाल क्या हुवालू ... यु तोता सब बतलाद "
तब्बी भीड़ बटी आवाज आई ............ " ई तोता चा ....., की , तोती ...."
वेल बोली .. " छा तोती च पर, तोता तोती स्य क्या हूदा ? "
भीड़ चिलाईई " ... मरा साला थै .., मरा साला थै .., औरते कमाई खाणु छै !
पराशर गौड़
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