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Thursday, June 13, 2013

जिंदगी की तलाश में

श्मशान में रहकर 
  कोई समझ पायेगा 
  मुर्दों के गाँव में जीना 
  कितना कठिन है 
  मै फिर भी 
जी रहा हूँ 
 कई वर्षों से 
  चेतनाविहीन 
   मुर्दों के बीच 
   जिंदगी की तलाश में
    सर्वाधिकार सुरक्षित narendragauniyal@gmail.com

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