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Thursday, August 2, 2012

गढ़वाली कविता--सरकरि रूप्या बुसे जन्दिन

सरकरि योजना
हर गौं मा 
सड़क पौंछाण
बड़ी इस्कीम 
बड़ो विभाग 
बड़ो बजट 

इन्जीनेर का बदल
चपड़सि 
सर्वे कैरि दींद 
सड़क तै 
उकाळ -उन्दार
भ्यटा-पाखों
जख मर्जी 
धैरि दींद

सियूँ विभाग 
कंट्री ठेकेदार 
सुद्दी माटु छल्कैकि 
स्याल़ा कि सि कूडि
बणे दींद
मकड़ा कि सि मुतीं 
हळकि बरखा बि
सड़क तै 
बोगाई दींद
योजना फेल 
गौं का लोग 
खिसये जन्दिन 
सरकरि रूप्या 
बुसे जन्दिन.  

     डॉ नरेन्द्र गौनियाल ..सर्वाधिकार सुरक्षित.

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