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Tuesday, July 17, 2012

मी छौं पहाड़ की नारी

मी छौं  पहाड़ की नारी 
मिसे रुठयी च जग सरी
जन्म से हुन्द संघर्ष जारी
ढोर डंगर से बदतर  जिंदगानी 
घर पुन्ग्री पंदेरों मा सदनी पिसेंदी 

मी छौं  पहाड़ की नारी 
म्योर डाऊ कैनी नि जानी 
घास कु भोझ मा दब्यु सदनी    
बस्खयाल मा जिकुड़ी झुरन्दी
भैर भीतर मीनी संभालनी 

  मी छौं  पहाड़ की नारी 
घाम जड्डू बरखा मेरी सहेली
तेडू- मेडू रस्ता मा भात्क्दी रौंदी 
भूख तीस भुलैक्न्न औरो कुन पीसदी 
पण तारीफ त दूर गाली मेरु हिस्सा ही औंदी 

 मी छौं  पहाड़ की नारी 
डीनडालू  मा सासु कु रम्रार्ण
घोर मा बच्चों  की घिम्सान
सरपया घर्वालू  कु दगडी औख्याली जन 
जन्द्रू जन दुई पाटयूँ  मा पिस्दा जीवन 

 मी छौं  पहाड़ की नारी 
जन्न कंन लोग्यु  कु बखान 
दानो सयानो  मा मेरी छुयाल 
अप्रि सोच ते  देकन नै उडान 
चल पड्यु में अब नै रस्तो पर   

मी छौं  पहाड़ की नारी 
दीनै छौ दुनिया ते मिसाल 
चिपको से हिमालये बचाण
सर्प्यों  से देवभूमि बचाण 
घर -२  ज्ञान कु रौशनी फैलान
 मी छौं  पहाड़ की नारी 
त्यार जीवन अर पहाड़ कु आंसू  अब व्हेल तेरी जुबानी
कंडली सा धरी कण रूप बन जा अब तू शेरनी 
जैबर तू उठी जैली त तेरी जीवन कु कुयेडी छटी जैली 
साहस कर तू ही ली सकद यख क्रांति !!
 
@sunita lakhera

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