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Monday, January 4, 2010

"पहाड़ों पर"

पड़ गई है बर्फ,
जिसकी इंतजारी रहती है,
ह्यूंद के मौसम में,
पर्वतवासियों को.

सुन ली है पुकार,
कालिदास जी के मेघदूतों ने,
पर्वतजनों की,
और मेघों का दिल,
पिघल गया.

उत्तराखंडी प्रवासियों,
खबर आई है पहाड़ से,
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री,
यमुनोत्री, हर्षिल, धराली, सुक्कीटॉप,
दयारा, बेलग, हेमकुंड, गौरसौं,
रुद्रनाथ, चोपता, गौरीकुंड,
गरुड़चट्टी, मद्महेश्वर में,
हुई बर्फबारी ने,
पर्वतीय इलाकों को,
अपने आगोश में ले लिया.

पहाड़ पर होने वाली बर्फबारी,
आज भी याद दिलाती है,
पर्वतजनों को,
बीते हुए बचपन की.

ठिठुरन पैदा हो जाती थी,
जब खेलते थे बर्फ से,
एक दूसरे के साथ,
ठिठोली करते हुए,
उत्तराखंड के पहाड़ों पर,
अपने प्यारे गाँव में.

रचनाकार: जगमोहन सिंह जयारा "ज़िग्यांसू"
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
ग्राम: बागी-नौसा, चन्द्रबदनी, टेहरी गढ़वाल
E-mail: j_jayara@ yahoo.com
16.१२.२००९

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