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Wednesday, January 20, 2010

मोला कु मध्यो

हम लेखी पैड़ी सक्दा
गोष्ठी सम्मेलन करी सक्दा
नै नै किताब अख़बार छपे सक्दा
पी. एच. ड़ी करी सक्ददा
अपर्णि बोली भाषा मा |

पर भै …..!
हथ ज्वणया छन …
वू खरडा डाँडो
रौला कुम्चयरों
जै नि सक्दा
वख रै नि सक्दा |

Copyright@***विजय कुमार "मधुर"

1 comment:

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments