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Thursday, June 18, 2015

यहां कोई ज़िंदा नहीं बचेगा [इख कैन ज़िंदा नि बचण ] - अंक 2 , दृश्य - 10 Scene 10

[वीरा खड़ी च। घबराईं च। चिल्लाणी च।  अचानक धूमल ,बृजमोहन अर मदन प्रवेश करदन ]
मदन - क्या ह्वे ?
धूमल -क्या ह्वाइ ?
[नंदा अग्नै बढ़दी अर भीम पड़  जांदी ]
धूमल - ये मेरी ब्वे ! सी द्याखदी !
[सब दिखदन कि समुद्री घास छत से लटकणि च ]
नंदा - समुद्री घास छे , बस समुद्री घास - गंध तो इनि आणि  छे।
धूमल - क्वी ब्रैंडी लाओ।
[बृजमोहन दौड़ीक जांद अर ब्रैंडी लेक आंद। धूमल ब्रैंडी गिलास मा डाळद अर नंदा का गिच पर लगांद ]
नंदा [पीण इ   वळि छे पर फिर गिच बंद करदी ]- ना ना। कखन ऐ या ब्रैंडी ?
बृजमोहन - तौळ बिटेन।
नंदा -मीन नि पीणाइ।
धूमल - बरोबर बरोबर।  यद्यपि तू परेशान छे पर सचेत छे हाँ।  मि बिन खुलीं बोतल लांदु। [भैर जांद ]
नंदा - ना मि पाणी पे लील्यू।
बृजमोहन -या ब्रैंडी ठीक च।
डा मदन - तू कन कै जाणदि ?
बृजमोहन - मीन कुछ मिलै दे होलु क्या ?
मदन  - म्यार मतलब ते से नी च।  कैन बि , तीन या कै हौरन कुछ मिलै दे हो तो ?
[धूमल बिनखुलिं बोतल लांद ]
धूमल - रिजॉर्ट मा शराब की कमी नी च। इखमा धोखा नी च।  तू पेलि।  [नंदा ब्रैंडी पींदी ]
धूमल - एक हत्या नि ह्वे सौक।
नंदा - मतलब मेरी ?
धूमल - शायद ! डरैक बि हत्या हून्दन।  है ना डाक्टर मदन ?
मदन - हूँ ह्वे सकद च।
नंदा - जस्टिस आलोक कख छन ?
धूमल - हैं ? हमन सोच वु हमर पैथर छन।
डा मदन -  हाँ हमर पैथर - यद्यपि बुड्या छन पर इन बि ना की -
धूमल - कुछ अजीब च
बृजमोहन - चलो ऊँ तै दिखदां।

मदन - यद्यपि उ आण -पर - आलोक जी आलोक जी ! कख छंवां ? अलोक जी !
---------------------------------------------अंक 2 , दृश्य    - 11    Scene   11 --------------------------------
[जज आलोक कुर्सी मा छन।  द्वी छवाड़ मोमबत्ती जळणि छन।  उंक  विग उतरीं च ]
[नंदा चिल्लांद।  डा मदन सब तै दूर रौणो इशारा करद।  अफु अलोक का पास जांद ]
मदन - रिवाल्वर की गोळी से हत्या।
बृजमोहन - रिवाल्वर ?
मदन - सीधा सर पर एक हि सेकंड माँ काम तमाम -धागा का गोळा का थ्रू , बेआवाज ?
नंदा -कोमल की स्वेटरक धागा अर इख ?
बृजमोहन - अर टेबलक्लॉथ -
धूमल - अब आलोक जी कबि न्यायधीश की गद्दी मा नि बैठ सक्दन।  अब
नंदा - अर सुबेर तुम आलोक जी पर शक करणा छया।
धूमल - हूँ मीन गलत आदिम पर शक कार ।  हत्यारा हम मादे च जैपर शक नि गे।
[धूमल अर बृजमोहन लाश तै स्टेज से भैर लिजांदन अर  डा मदन , नंदा ,ऊंक पैथरा पैथर ]

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अंक 2 , दृश्य  12   -    Scene  12  ----------------------------------------- 
---------------------रात्रि ------------------------------------
 [एक काळो कपड़ों मा आदिम जमीन मा [स्टेज मा ] सरकणो च। बृजमोहन अपण कमरा से भैर आंद।  चिल्लांद ]
बृजमोहन - पकड़ो , पकड़ो।  यु भागणु च , भागणु च। धूमल मदद को आ।
[धूमल अर नंदा अपण अपण कमरा से भैर आंदन ]
धूमल -कु छौ ? तीन द्याख च ?
बृजमोहन - ना सूरत त नि देखि।  तेज छौ।  पर वैन बड़ी गलती कर दे।  हम छंवां चार अर यदि एक कमरा खाली हो तो ? मतलब डा मदन ?
[बृजमोहन
धूमल - मदन ? अब कै पर बि भरवस नि करे सक्यांद। [  डा मदन का कमरा का दरवज पर जांद दरवज खटखटांद , देर तक पर क्वी उत्तर नि आंद।  फिर की हॉल से दिखणो कोशिस ] की हॉल मा चाबी नी च।  आज सब पता चल जाल। हम वैक खोज मा जाँदा अर मिस नंदा ! डा मदन आल बि तो कमरा नि खुलण।  कतै नि खुलण।  जब तक मि अर बृजमोहन आवाज नि दींदा कमरा कतै नि खोलिन हाँ।  दरवज बिलकुल बंद। हम द्वी वैक खोज मा जांदवां।
नंदा -ठीक च [वा स्टेज का एक छवाड़ से भैर जांद अर हैंक छ्वाड़ से वु द्वी भैर ]



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अंक 2 , दृश्य    -   13  Scene   13 ----------------------------------------- 

--------------------------डा मदन की खोज , चादनी रात ---------------------------------
[रात  मा धूमल अर बृजमोहन चलणा छन ]
बृजमोहन - सावधानी से हाँ।  वैक पास रिवॉल्वर बि च।
धूमल - अहो रिवॉल्वर मीमा च।  ड्रावर मा मिल गे छे।
[बृजमोहन डरिक धूमल का तरफ दिखुद ]
धूमल - बेवकूफी नि कर।  मि तेरी हत्या नि करण वळ छौं। मि मदन की खोज मा जाणु छौं।  आणु छे ?
बृजमोहन - ठीक च आणु छौं।
[दुयुंन ज़रा द्वीप खोज पर मदन नि मील।  रिजॉर्ट मा ऐक नंदा का कमरा खटखटाइ ]
धूमल - नंदा नदा ! सब ठीक ना ?
नंदा -हाँ।  क्या ह्वे ?
धूमल - हम तै भीतर तो आण दे।
[नंदा कमरा खुलद ]
नंदा -क्या ह्वे ?
धूमल - मदन गायब च।
नंदा - नहीं !
धूमल - द्वीप मा समाप्त ।
बृजमोहन - हाँ खतम किस्सा।
नंदा - ना ना ! इन ब्वालो कखि लुकि गे।
बृजमोहन - नही! हमन सब जगा द्याख।  दिनक सा उज्यळ चादनी रात मा च।  कखि नि मील।
नंदा - दुबर रिजॉर्ट मा घुस गे हो।
बृजमोहन - हमन स्वाच च अर रिजॉर्ट मा बि ख्वाज।
नंदा -मि तै विश्वास नी च।
धूमल - नंदा जी ! बृजमोहन सही बुलणु च। रिजॉर्ट की खिड़की टूटीं च।  अर टेबल मा अब केवल तीन सैनिकुं मिनिएचर छन।

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