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Monday, June 30, 2014

गूमखाळ बजार मा शराबबंदी का पोस्टर अर होर्डिंग !

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      
                     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

वैदिन मुंबई की एक उत्तराखंडी संस्थाक   जळसा मा भूतपूर्व मुख्यमंत्री अर आजका विरोधी दल का नेता  सुपिन चन्द्र खंडूड़ीन गढ़वाल-कुमाऊं  मा शराबौ बढ़दो रिवाज का विरुद्ध इथगा गरजणि मार कि माइक टूटी गे अर दगड़ मा अयाँ दुसर भूतपूर्व मुख्यमंत्री सगत सिंग कोशियारिन   शराब को बढ़दो चलन से ग्रामीण उत्तराखंड की युवा पीढ़ी खतम हूणी च पर जोर से ऐड़ाट -भुभ्याट कार कि  कोशियारी जीक हल्ला से मेज कुर्सी हिलण लग गेन। 
दुई मुख्यमंत्र्युं मुंबई मा करीं गर्जना की खबर उत्तराखंड का फ़ाइल न्यूजपेपर (जु खाली सरकारी  विज्ञापन लीणो का वास्ता छपदन ) ही ना असली अखबारों मा बि प्रकाशित ह्वे गेन अर सोसल मीडिया मा बि यां पर बहस शुरू ह्वे गे।  भूतपूर्व मुख्यमंत्र्युं की गर्जना का असर इथगा जादा छौ कि दिल्ली , मुंबई , न्यूआर्क , कनाडा का पियक्कड़ भाइ लोग बि  रोज स्याम दैं ठीक आठ बजी 8 PM का पैग  मारदा मारदा फेस बुक मा राज्य सरकार तैं  गाळी दीण लग गेन कि शराब बंदी का वास्ता राज्य सरकार कुछ नि करणी च।  
राज्य सरकार हिल गे। सोसल मीडिया मा शराब बंदी पर बहस से हाइ कमांड का वरद हस्त का बाद बि राज्य का मुख्यमंत्री गिरीश रावत की कुर्सी बि हिलण लगि गे अर रावत जी  तैं आधिकारिक तौर याने औफिसियली पैल बार पता चौल कि ग्रामीण उत्तराखंड शराब का चपेट मा ऐ गे। 
मुख्यमंत्रींन फटाफट शराबबंदी मंत्री तैं आदेश दे कि उत्तराखंड का हरेक ब्लॉक मुख्यालय का बजाराम एक शराब से नुकसान का होर्डिंग लगाओ अर सौ सौ पोस्टर लगाओ।  5 करोड़ रुपया जनहित मा शराबबंदी विज्ञापनों बजट पास ह्वे गे। 
दुसर दिन वित्त मंत्र्याणी श्रीमती जिकुड़ेस्वरि जी मुख्यमंत्री जी से मील कि 5 करोड़ रुपया कखन आल अर कै मद से आल।  मुख्यमंत्री जीन आबकारी मंत्री जी तैं बुलाइ अर ब्वाल ,"राज्य तैं पांच करोड़ रुपया की अतिरिक्त आवश्यकता च त तुरंत कुछ कारो। "
 ठीक दस दिन बाद हरेक ब्लॉक  का मुख्य बजार मा शराब का नुक्सान वाळ होर्डिंग अर पोस्टर चिपक्याणा छया अर लोग एक समाचार बि पढ़णा छया कि राज्य मा पांच विदेशी शराब का अर दस देसी शराब का कारखाना लगणा छन जौं कारखानौं  से राज्य की बीस करोड़ रुपया अतिरिक्त आमदनी  ह्वेलि।  


Copyright@  Bhishma Kukreti  29 /6/2014   
    

*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।

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