चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
अचकाल राजनीतिज्ञों मा टीवी समिण दुसरौ मुन्नि (नीयत या राजनैतिक , सरकारी कार्य ) तैं बदनाम करणो रोग बिंडी लग गे। अपण पूठक गुवक थड़का त दिखद नि छन दुसरो मुख पर लग्युं सुक्युं माटु पर बड़ो हो हल्ला करणा रौंदन।
अब द्याखो ना ! राजनीति तैं बदलणो बान हाई स्टैण्डर्ड की बात करण वाळ आम आदमी पार्टी बि ऊनि करतब करण बिस्याणि च जन सबि राजनैतिक पार्टी करदा छा। ठीक च दिल्ली का न्याय मंत्री सोमनाथ भारतीन क्वी इथगा बड़ो सामजिक गुनाह नि कार पण संवैधानिक गुनाह तो उंसे ह्वैइ गे कि ना ? तो हाइ स्टैंडर्ड का हिसाब से आम आदमी पार्टी तैं कुछ तो करण ही पोडल कि ना ? दूसरौ मुन्नी तैं बदनाम त आप पार्टी बि करणि च अर अपण घौरम बैठी अपण मुन्नी तैं नि दिखणा छंन।
एक बेवकूफी करण वाळ पार्टी च भाजापा ज्वा आम आदमी पार्टी की मुन्नी ( राजनैतिक कार्य ) तैं बदनाम करणो बान धरना आदि करणी च। अब मेरी समज मा आइ कि दिल्ली वाळुन भाजापा पर झाडु किलै लगाइ। दिल्ली की भाजापा लोगुं नबज पछ्याणनम नाकाब पार्टी च। एबगत आम आदमी पार्टी की आग जळणी च अर तुम धरना देकि वीं आग मा धरना रूपी घी ना पेट्रोल डळणा छंवां ? मि त मुंबई मा बैठिक बि बताइ सकदु कि यद्यपि सोमनाथ भारती संवैधानिक हिसाब से दोषी ह्वे सकदन किन्तु जनता की नजरों मा सोमनाथ भारती रॉबिनहुड छन. अर इन मा भाजापा वाळ सोमनाथ भारती का विरोध करणा छन तो अपणो ही नुकसान करणा छन। कबि कबि विरोध नि करण भौत बड़ो विरोध हूंद। आम आदमी पार्टी तो चांदी च कि भाजपा विरोध कार अर आम आदमी पार्टी की घर बैठ पब्लिसिटी ह्वावो।
अर भाजपा की राज्य सरकारों , नगर निगमों , पंचायतों मा सैकड़ों सोमनाथ बैठ्या छन फिर इन माँ सोमनाथ का विरोध कौरिक क्या मीलल ? अपण घौरम बदनाम मुन्नी बैठीं च अर दूसरौ मुन्नी तैं बदनाम करण कखक न्याय निसाब च भै ?
कॉंग्रेस तो बिदूषक जन नाटक करणी च। खुद मुन्नियों जन्मदात्री ह्वैक दुसरौं मुन्नियों तैं बदनाम करण केवल एक विदूषक ही कौर सकुद।
दूसरौ मुन्नी तैं बदनाम करण पर याद आयि कि जब 1977 मा जनता दल की सरकार आयि तो कुछ नेता इंदिरा गांधी की बात ही नि करदा छा। किन्तु कुछ चरण सिंग जन नेता इंदिरा गांधी पैथर लत्था लेक पड़ी गेन अर यूँ नेताओंन इंदिरा गांधी तैं जेल मा बंद करी दे। रातों रात इंदिरा गांधी का इमेरजेंसी पाप धुली गेन अर इंदिरा गांधी को पुनर्जन्म ह्वे गे। वा वैदिन से दुबर रानी बौण गे। कबि कबि कैक अत्याधिक विरोध बि नुकसानदेय हूंद। असल मा इंदिरा गांधी क बात नि करण ही मा जनता दल को फायदा छौ किन्तु जब राजनीतिज्ञ जनता की नबज पछ्याणनम गलती करदन तो इंदिरा गांधी जन विरोधी तैं ऑक्सीजन दीन्दन। ये मामला मा इंदिरा गांधी होसियार छे। दुबर सरकार मा आणो बाद इंदिरा गांधीन जनता सरकार की बात ही नि कार अर यांसे जनता दल इरेलिवेंट साबित ह्वै गे।
आज नरेंद्र मोदी की प्रसिद्धि, जन झुकाव, लोकप्रियता का पैथर भाजापा कु हाथ एक रति भर बि नी च। सन 2002 से लेक आज सुबेर तलक क्वी दिन इन नि गे होलु जैदिन कै राष्ट्रीय नेतान नरेंद्र मोदी की काट नि कौर होलि। अर राष्ट्रीय स्तर पर रोज नरेंद्र मोदी की आलोचनान नरेंद्र मोदी तैं अंतराष्ट्रीय नेता बणै दे। दुसरै मुन्नी तैं बदनाम करणो चक्कर मा दुसरै मुन्नी पॉपुलर बि ह्वे जांद , यु दिखणाइ तो नरेंद्र मोदीक पॉपुलरिटी ग्राफ देखि ल्यावो।
इनी आम आदमी पार्टीक पॉपुलरिटी बि , लोकप्रियता बि च। भाजापा अर कॉंग्रेस द्वारा आप पार्टी की अनावश्यक आलोचना से आम आदमी पार्टी तैं भौत फैदा ह्वे।
राजनीति मा दूसरौ मुन्नी तैं बदनाम करण जरुरी च पण इथगा बि बदनाम नि करण चयांद कि दूसरौ मुन्नी बदनाम हूणो जगा लोकप्रिय ही ह्वे जावो। नरेंद्र मोदी अर आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता मा विरोधियों द्वारा आलोचना कु हाथ जादा च।
तो ध्यान दीण चयेंद कि दुसरै मुन्नी तैं बदनाम करणो चक्कर मा कखि लोग तुमर मुन्नी तैं ही नि भूल जावन हाँ !
Copyright@ Bhishma Kukreti 25 /1/2014
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