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महाभारत तो आज भी जारी है
हे कृष्ण !
द्वापर में तुम
निबटा गए थे
बहुत कुछ
लेकिन
महाभारत तो
आज भी जारी है
न्याय और अन्याय
पाप और पुण्य
भलाई और बुराई
प्रेम और घृणा
सद्व्यवहार और दुराचार
सेवाभाव और भ्रष्टाचार
स्नेहभाव और बलात्कार
जनशक्ति और राजसत्ता
लोकशाही और तानाशाही
जनता और नेता
सब में
महाभारत तो
आज भी जारी है
हे कृष्ण !
आज फिर
तुम्हारी बारी है
आओ
अवतार धर दो
आज के इन्द्रों का
घमंड चूर कर दो
धरती पर फैले
इन कंसों का
विध्वंश कर दो
डॉ नरेन्द्र गौनियाल सर्वाधिकार सुरक्षित
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