Home

Thursday, April 4, 2013

ये घुन्ती की ब्वै !


 डॉ नरेन्द्र गौनियाल
ये घुन्ती की ब्वै 
गौं का  हाल देखि 
आंदी च रोई 
अधा से जादा 
चलि गीं स्वां 
बाकि बि हर्बि 
  लगाणा  छन ग्वै
एक तु रैगे 
एक मि रैग्युं 
हम जना 
क्वी क्वी  घुसिणा छन  
 ये पहाड़ मा 
जेँ  पुंगड़ी 
 जेँ कूड़ी 
सेरी घेरी मा 
लगै  
अपणि ल्वै 
ईं धरती  तै  
  बांजि देखि 
आन्दि च रोई 
 
अरे हमन बि क्य कन 
हम पर बि 
जबतक 
सामर्थ्य  रैलि  
ये पहाड़ मा 
 इनि घुसिणा रौंला 
गूणि,बांदर,सुंगर 
  हकाणा रौंला
              डॉ नरेन्द्र गौनियाल copyrigh..narendragauniyal@gmail.com

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments