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Thursday, February 14, 2013

तैं लपस्या छो ड़ दे तिन खाली

तैं लपस्या छो ड़ दे  तिन  खाली  हाथ  जाँ ण  वख 
कम  खै  की  क्वी  नि  मोरी , बिंडी  खै  मोरीन  सब्बि 
खौ ल्या  कत्गा खौ ल्या माटा  गारा भी नी  छो ड णा   
बोल्या  हवेगें बोल्या  अपणी ज ड़ लूँ  तैं  उपडं ना 
इनि दशा  राली त, मुल्क कनकै  बचलू  यख
जब जड़ ही सूख़  जाली  त फांगी  कन कै  फुटली तख 
गरीब गुरब्बा मजूर  किसाण  कपाल  पकड़ी  रोणा  छन
  बिरला सी सरकरी  मु ला जिम  ,सुर कि  मलै चटणा छन 
 ह त्थू  की कचगी  देखी  ,फि ल्वा ड़ी  भी  रोन्दि   तख 
 आंख्युं मा  सुप न्या  भौरयाँ  हत्थ   अज्जुं  रीता  तख  
रा  कचगी दे खी ,फी ल्वा ड़ी भी रोंदी 

शुक्रिया,हवेगें 
नीता कुकरेती

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