Home

Sunday, September 2, 2012

नेता

 कवि- डॉ नरेन्द्र गौनियाल 

गौं,समाज
अर 
मुल्क का वास्त 
संघर्ष मा 
अपणी जिंदगी 
लगाण वल़ा 
एक छवाड़ पर
बैठ्याँ छन 
तिकड़म बाज 
भ्रष्ट,चोर 
गुंडा बदमाश 
आज 
नेता बण्या छन.
अपणि लद्वड़ी
भवरणा छन
लोगोँ तै 
दारू पिलैकी 
चित्त करणा छन 
अर    
अपणो उल्लू 
सीधो करणा छन. 

        डॉ नरेन्द्र गौनियाल..सर्वाधिकार सुरक्षित..narendragauniyal@gmail.com

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments