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Wednesday, September 19, 2012

मेरे मीत तेरी प्रीत में

याद में बस 
सुख की घड़ियाँ 
दुःख की कोई 
राह नहीं 
युग-युगों तक 
मिल सकेगी 
प्रेम की कोई 
थाह नहीं 

कोई ग़म नहीं 
कोई दुःख नहीं 
किसी पीर में
कोई आह नहीं 
मेरे मीत 
तेरी प्रीत में
किसी सुख की 
कोई चाह नहीं 
      डॉ नरेन्द्र गौनियाल सर्वाधिकार सुरक्षित narendragauniyal@gmail.com

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