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Monday, August 6, 2012

छी भुला दारू नि पीणि

दारू कि बाढ़ 
माफिया कु जाळ 
कख छा जाणा
किलै छा फंसणा
मुल्क देश मा 
दारू कि 
बड़ी खपत 
नना-ठुला पर
लगी चपत

जनम से 
म्वरण तक
दारू ही दारू 
नौनु हूण मा दारू 
सूली भितर मा दारू
जन्मदिन मा दारू
मुंडन मा दारू 
पास मा दारू 
फेल मा दारू 
नौकरी मा दारू 
ब्यो मा दारू 
नाती हूण मा दारू 
देब स्थान मा दारू
तिथाण मा दारू 
भैर दारू 
भितर दारू 
सुख मा दारू 
दुःख मा दारू 

दारू से ही 
नेता जि कि जीत
दारू से ही 
दुनिया कि रीत  
दारू से ही चलद
कर्ज मा डूबीं 
हमरि सरकार  
  बुद्धि भ्रष्ट 
हुयूं खंद्वार 
चेति जा 
समझी जा 
य जिंदगी 
कुछ दिन च जीणि
त छी भुला 
दारू नि पीणि.

     डॉ नरेन्द्र गौनियाल सर्वाधिकार सुरक्षित ..narendragauniyal@gmail.com

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