रचनाकार - डॉ नरेंद्र गौनियाल
जौंकी मूणिम भार देशकु भोल का भरतार छन
लप्सयाँ छन सब्बि जवान भितर बिटि बीमार छन
गिच भितर गुटका भर्युं अर हाथ माँ सिगरेट चा
थुकी-थुकी की भितर-भैर कन बन्या मंत्वार छन
थुकी-थुकी की भितर-भैर कन बन्या मंत्वार छन
म्यार मुल्कै जवानी तै तिन्ग्गा पोड्ना हर कदम
गिचीअन्ध्यर्पट,गल्वड़ी पिचगीं आंखि बैठीं क्वार छन
गिचीअन्ध्यर्पट,गल्वड़ी पिचगीं आंखि बैठीं क्वार छन
ब्वैन रोटी देई घूसिकी जा ब्याटा कुछ सीखी ले
लाल रस्तम गुच्छी ख्य्लना राम कै खंद्वार छन
लाल रस्तम गुच्छी ख्य्लना राम कै खंद्वार छन
कौम की होलि तरक्की कुछ समझ नि आन्दु कन
बाट माँ कछ्डी लगाणा छोरों की सरकार छन
बाट माँ कछ्डी लगाणा छोरों की सरकार छन
दूधि छोड़ी दारू पीना आज सब नौन्याल छन
खाला-म्यालों ब्यो-बरातों रंगमता सब धार छन
Copyright@ Dr Narendra Gauniyal,
खाला-म्यालों ब्यो-बरातों रंगमता सब धार छन
Copyright@ Dr Narendra Gauniyal,
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