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Wednesday, April 20, 2011

यकुलांस

दिल्ली मा
अज्काला कि सब्बि सुबिधाओं व्ला
एक सांस बुझण्या फ्लैट मा
एतवारा का दिन
जक्ख ब्वे सुबेर भट्टेय मोबाइल फ़र चिपकीं छाई
बुबा टीवी मा वर्ल्ड कप खेल्ण मा लग्युं छाई
और ६ बरसा कु एक छोट्टू नौनु वेडियो गेम मा मस्त हुयुं छाई
वक्ख ६२ बरसा की एक बुडडि
छत्ता का एक कुण मा यखुली बैठीं
टक्क लगाकि असमान देख़न्णी
मनं ही मनं मा
झन्णी क्या सोच्णी छाई ?
और झन्णी क्या खोज्णी छाई ?

रचनाकार :गीतेश सिंह नेगी ( सिंगापूर प्रवास से,सर्वाधिकार -सुरक्षित )
अस्थाई निवास: मुंबई /सहारनपुर
मूल निवासी: ग्राम महर गावं मल्ला ,पट्टी कोलागाड
पोस्ट-तिलखोली,पौड़ी गढ़वाल ,उत्तराखंड

Source: म्यारा ब्लॉग "हिमालय की गोद से " व " पहाड़ी फोरम " मा पूर्व-प्रकशित

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