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Friday, April 2, 2010

ओलि गदनी,

ओलि गदनी,
खाई भताग,
पली गदनी,
ह्वै निसाब,
जमानु यनु,
जैकि दाब.

झुरि पराण,
कख जाण,
पोटगि फर,
लगिं आग,
माणदु निछ,
पापी पराण,
क्वी बोल्दा,
कनु लगि,
तैकि पोटगि ,
फर मसाण.

रचनाकार: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिग्यांसु"
(सर्वाधिकार सुरक्षित ३१.३.२०१०)
दूरभास: ०९८६८७९५१८७

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