उत्तराखंडी ई-पत्रिका
E-Magazine of Uttarakhand
Home
(Move to ...)
About Youg Uttarakhand
Home
▼
Tuesday, March 9, 2010
महंगाई
राजशी ठाट
भोगने वाले
क्या जाने
पीर …….
उस मजदूर की
जो दिन भर
खटकर
जुटाता है
दिहाडी
खिलाता था पहले
बच्चों को
दो बकत की रोटी
अब एक बकत की |
तनख्वा
बनिए की नौकरी
कमरतोड़ मेंहनत
तनख्वा चन्द रुप्प्ली
लड्खडाती सेहत |
copyright@विजय कुमार 'मधुर'
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments