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Tuesday, February 23, 2010

सुख

सुख
तब बि छाया
जब हम नि छाया

पर तब सुख
इतगा छांटा
इतगा ख्वींडा नि छाया
जतगा आज

तब सुख सुख्यर्या छाया
वो/ हैंसदाख्यलदा
आन्दा छाया
अर मनखंयू कि मनख्यात देखी
वखि बासा रै जांदा छाया
वूतैं दड़सांसो अर
हिकमत दे जांदा छाया

सुख तब बि राला
जब हम नि रौंला
भौद ओरि बि छांटा अर
ओर बि ख्वींडा ह्वे जाला
तब लोग कनके
यों सुखु तैं भ्वागला
कनके भ्वागला

copyright@मदन मोहन दुकलाण

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