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Friday, July 10, 2009

बिजली अर ब्वारि

यनु बोन्नु छ,
उत्तराखंड की एक बुढ्ड़ि कू....
बिजली अर ब्वारि
द्वी भारी भग्यान होंदिन,
पर भरोंसु नि रन्दु,
कबरी भागी जौन, बिना बतैयां,
ब्वारि मैत या नौना दगड़ी,
बिजली कुजाणी कख.

रोपणी कू दिन हो,
त ब्वारि भागी जांदी,
खांदी बग्त बिजली,
बिना बतैयां,
कुजाणी किलै होंदिन,
यी यन बिगचीं.

(सर्वाधिकार सुरक्षित,उद्धरण, प्रकाशन के लिए कवि की अनुमति लेना वांछनीय है)
जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिग्यांसू"
ग्राम: बागी नौसा, पट्टी. चन्द्रबदनी,
टेहरी गढ़वाल-२४९१२२
1.7.2009

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