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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, July 31, 2014

तू दिख्यांदी जनि जुन्यालि तू दिख्यांदी इ इ जनि जुन्याली


सच्ची त्यारा सौं सच्ची त्यारा सौं.
तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली तू दिख्यांदी . जनि जुन्याली.सच्ची त्यारा सौं
जब हुन्दी नि छुई रूपा की .. पैली त्यारू नौ
औ त्यारा रूप देखि कीऔ त्यारा रूप देखि कीलोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न .लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न .फूल बेचारा डाली – डालियों माँ जलेंदा लागेना ,
भोवरा तवे देखि – 2 की नोवेना लागेना ..भोवरा तवे देखि – 2 की नोवेना लागेना ..नोवेना लागेना .तेरी ज्योति देखि की ,औ तेरी ज्योति देखि की फूल शर्मे गैना ,
भोवरा भरमे गैना ..फूल शर्मे गैना , भोवरा भरमे गैनागोरी मुखडी दिखायंदी यानि जन उजालीरांकी ,कन लगान्दी छुई भग्यानी तेरी चुयल आंखी ,
तेरी छुयाल आंखीतेरी आंखी देखि कीतेरी आंखी देखि कीबटोही फिर्डी गैना बातु बिरडी गैनाबंदो माँ की बंद तवेमे सब लगान्दी माया ,चंदूं माँ की चाँद बोल तिन क्या जादू काया ,
तेरी जवानी देखि की बुध्य खोले गैना , 
जवान बौले गैना .तू दिख्यांदी .. जनि जुन्याली तू दिख्यांदी . जनि जुन्याली सच्ची त्यारा सौं....जब हुन्दी नि छुई रूपा की ..पैली त्यारू नौ.औ त्यारा रूप देखि कीऔ त्यारा रूप देखि कीलोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न .लोग जली गे न बौल्याँ बनी गे न 

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HillyMusic

नया औखाणा (कहावतें )

गढ़वाळि व्यंग्यकोष -भाग -14  

                      
Garhwali Satire Dictionary part 14 
 
                          चबोड़्या  --- भीष्म कुकरेती 


ज्ञान बड़ो कि पौंछ (पंहुच ) -पौंछ बड़ी 
जातिक बल पर जित्यां नेता अपर बुबा से नि डरदन तो पत्रकारों से क्या डौरन !
नेता धन ना, जीत चांदो धन तो   जितणो बाद अफिक आलु 
अपनी कुर्सी अपने हाथ 
कुर्सी अफिक ज्ञान सिखै दींद 
कुर्सी गे जग लोप
2014 मा जित्यां कॉंग्रेसी याने अंधों मा काणा कॉंग्रेसी 
अपण राहुल ( जु जितै साक ) सब राजनीतिज्ञों तैं प्यारु 
नेताक बच्चा का झूट बुलण से पता चल जांद कि सपूत च कि कपूत 
नितीश कुमार लालू यादवो  चरण बंदना करदो याने आवश्यकता मा सब कुछ जायज हूंद 
कलमाड़ी , लालू यादव मौसेरा भाई 
बुलेट ट्रेन का वास्ता सौ करोड़ बजट याने ऊंट के मुंह में जीरा
कोयला आबंटन मा सबि राजनैतिक दल काळ
चिमल्ठुं पेथण पर हथ डाळण ठीक मायवती की बुराई करण नाठीक 
एक कंदुड़न सुणन हैंक कंदुड़न भैर याने शिकायत विभाग 
एमपी बणिक सरकारी पार्टी प्रवक्ता बणन    याने बुरा दिन चलणा छन
आडवाणी कभी बूढ़े नही होते हैं 
स्याळक (Fox ) जवान पर भरोसा पण  नेताक जवान पर नाभरोसा 
नेता का साथी अधिकारी याने चोर का साथी गिरहकट 
दिल्ली मा बलात्कार घटनाएँ याने चिराग तौळ अन्धेरा
नेताक माल रिस्तेदार खावन याने चोर का माल चंडाल खांदन 


व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।

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Music Notation, Music Script or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song

Characteristics of Garhwali Folk Dramas, Folk Theater/Rituals and Traditional Plays part -188       
Classical Rag Ragini, Tal, Bol, Music Beats, Music Notations or Music Scripts in Garhwali Folk Songs and Folk Music part -18  

    गढ़वाली लोक गीत संगीत (गढ़वाली लोक नाटकों में ताल,राग रागिनी-18
                             
                     Presented by Bhishma Kukreti (Folk Literature Research Scholar)

Saidwali means for Sayyad and is sung to please the dissatisfied Muslim Soul. Saidwali ritual folk songs are sung in Mantra and Ghadela Jagar form. The following Saidwali is a Jgar.
सैद्वाळी नृत्य -गीत की संगीत लिपि
उत्तराखंड में सैद्वाळी मंत्र और घडेळो में नृत्यगीत रूप में प्रचलित हैंसैद्वाळी गीत  मुसलमान आत्मा शांति हेतु जागरी द्वारा गाया जाता है -

मुख्य जागरी के कथन ----------------------------- सहायक जागरी की भौण
सल्लाम वाले कुम   -----------------------  सल्लाम वाले कुम   
त्यारा वै गौड़ गाजिना ----------------------सल्लाम वाले कुम   
म्यारा मियाँ रतनागाजी-------------------- सल्लाम वाले कुम   
तेरी वो बीबी फातिमा ----------------------- सल्लाम वाले कुम    
तेरी वो कलमा कुरआन-------------------सल्लाम वाले कुम   
सैद्वाळी नृत्य -गीत की संगीत लिपि इस प्रकार है -
ढोलक  मोरसल के कहरुआ ताल में यह गीत निबद्ध है -

 -   -   -   -      -      -    नि सां      सां   सां  रे  नि   सां  सां  -  नि   सां
                                    ल्      ला    वा  ले   कुम s     ल्
सां   सां  रे  नि  सांसां   - नि सां        रें  मं   रें   रें     सां  रे  नि  सां
ला  वा ले  कुम   s त्या रा       वै  गौ    गा   जि ना    ल्
सां   सां  रे  नि  सांसां   - नि सां        रें  मं   रें   रें     सां  रे  नि  सां
ला  वा ले  कुम   s म्या रा   मि  याँ  तना  गा जी    ल्
शेष चरण इसी प्रकार गाये जाएंगे

s =आधी  

सांसां = सां सां के नीचे अर्ध चन्द्र चिन्ह
कुम= कुम के नीचे अर्ध चन्द्र चिन्ह
मूल संगीत लिपि -केशव अनुरागनाद नादिनी (अप्रकाशित )
      संदर्भ - डा शिवा नंद नौटियाल गढ़वाल के लोकनृत्य गीत 
           
इंटरनेट प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती


Copyright@ Bhishma Kukreti 12/7/2014 for interpretation notes  
Contact ID -bckukreti@gmail.com
Characteristics of Garhwali Folk Drama, Community Dramas; Folk Theater/Rituals and Traditional to be continued in next chapter
1-Dr Shiva Nand Nautiyal, Garhwal ke Loknritya geet
2- Keshav Anuragi, Nad Nadani (Unpublished)
3- Dayashankar Bhatt  , Divya Sangit (Unpublished)
4- Glossary of Indian Classic Music
 XX
Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Tehri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Uttarkashi Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Dehradun Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Haridwar Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Pauri Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Chamoli Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia; Music Notation or Sangit Lipi of Saidwali a Garhwali Folk Song from Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand, Himalaya, South Asia;   

टमाटर मंहगा हूणो पैथर भौत बड़ी साजिश

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      
                     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
                                              

            पैल मैंगु प्याज नेताओं तैं बगैर उनका सगा संबंधी मर्यां बि रुलांद छौ।  फिर अलु की बढ़ीं कीमतुंन भाजपा सॉरी नरेंद्र मोदीक सरा घमंड चूर चूर कार अर अब  मंहगा टमाटर,  भाजपा सॉरी !  व्हेरी सॉरी नरेंद्र मोदीक स्वास्थ्य खराब करणि च।  डाक़्टरूं न रिपोर्ट भेजी कि मंहगा टमाटर खाण से भाजपायुं तैं दस्त लगिन जांसे भाजपा कार्यकर्ता काम नि कर सकिन अर भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड का स्थानीय निकायुं चुनाव ही ना उप चुनाव बि हार। यद्यपि मुख धुवाइ वास्ता भाजपा का प्रवक्ता उत्तराखंड मा अंदरुनी कलह तैं अपण हार का कारण बताणा छन किन्तु अंदर की असली स्टिंगयुक्त खबर च कि टमाटर मंहगा हूण से शराब्यूं तैं चखणा मैंगु पड़णु थौ तो ऊंन भाजपा हरवै दे। 
उत्तराखंड चुनावुं शर्मनाक हार से बल नरेंद्र मोदी तक विचलित ह्वे गेन त अफिक अमित शाह बि बेहोश ह्वेन तो देखादेखी राजनाथ सिंग की बि नींद हर्ची गे। 
गृह मंत्रीन सबि जासूसी विभागुं तैं टमाटर मैंगा हूणों कारण खुज्याणो आदेश दे। 
इना गृह मंत्री राजनाथ सिंगन टमाटर मैंगा हूणों आदेश दे अर उना  केवल तीन  मिनट मा कुछ  खुजनेरी संस्थाऊं टाइप्ड रिपोर्ट गृह मन्त्रीक टेबल मा पौंछि  गे। असल मा मध्य प्रदेश , राजस्थान , दिल्ली की हार का कारणु विवेचना का बाद राहुल गांधी तैं पता चौल कि कॉंग्रेस प्याज , अलु अर टमाटर मंहगा हूण से हार तो राहुल गांधीन सीधा तत्कालीन गृह मंत्री तैं आदेश दे छौ कि टमाटर मंहगा किलै हूणा छन की छानबीन कारो।  मार्च 2014 कुण विभिन्न खोजी संस्थाओं रिपोर्ट ऐ गे छे कि टमाटर मंहगा किलै ह्वेन।  चूँकि तब तलक राहुल गांधी चुनावी मूड मा ऐ गे छा तो राहुल गांधी यूं रिपोर्टुं तैं नि पौढ़ साक। 
अब जब राजनाथ सिंगन टमाटर मंहगा किलै हूणा छन का बाबत रिपोर्ट मांग तो फटाफट सबि संस्थाउंन राहुल गांधी का वास्ता बणयीं रिपोर्ट राजनाथ सिंग तैं पेश करि दे। 
एक इन्नर रिसर्च का अनुसार , गरीब लोग प्याज की मंहगाई से परेशान ह्वेक  टमाटर की चटनी का साथ खाण लगि गेन तो प्याज तैं बुरु लग अर प्याजन एक साजिस रची अर टमाटर मंहगा ह्वे गेन। 
प्याज का साथ लूण बि छौ।  लूण टमाटर से चिरड़ेक बैठ्युं छौ।  देसी दारुक अड्डों पर पैल दरोड्या चखणा मा  द्वी चार गारी लूण बुकांद छा किंतु टमाटर सस्ता हूण से अब दरोड्या टमाटर बि खाण मिसे गे छा तो नमक कु एकाधिकार पर ठेस पौंछ अर नमकन प्याज का साथ साजिस कार कि टमाटर मैंगा ह्वे जैन।  लूण चांदु कि गरीब लोग केवल लूण मा रुट्टी खैन अर देसी दारु का साथ लूण का हि चखणा  खाणा रैन। 
एक खोज से पता चौल कि सेव अर अन्य फल बि टमाटर से बदला लीणो आतुर छया।  फलुं कीमत आसमान पौंछण से टमाटर ही इन फल छौ जु आम लोगुं विटामिन्स , मिनरल आदि की पूर्ति करण मा सक्षम छौ तो आम आदिम फलुं जगा टमाटर पर निर्भर हूण लगि गेन अर आम आदिम फलुं तैं पुछण ही भूलि गे तो सबि देसी -विदेशी फलुंन कालाबजारियुं दगड़ मीलिक इन साजिस कार कि टमाटर सेव , अनार , अन्नास से बि मैंगा ह्वे गेन।  यद्यपि फलुं तैं टमाटर मैंगा हूण से कुछ फायदा नि ह्वे किलैकि आम आदिम उन बि मंहगा फल खाण लैक नी च किन्तु फल खुस छन कि मी बि कोढ़ी त स्यु बि कोढ़ी ! मतलब फल खुस छन अब लोग विटामिन्स आदि का वास्ता टमाटर नि खाणा छन। 
खोजी रिपोर्ट मा सरकार तैं सलाह छे कि फलुं पर नजर रखे जाव यूंक बदौलत हौर बि सब्ज्यूं दाम बढ़ सकदन। 
एक ख़ास विभाग की रिपोर्ट छे कि चूँकि पाकिस्तान की समज मा ऐ गे कि आतंकवादी गतिविधियुं से भारत का नुकसान नि ह्वे सकद तो अब पाकिस्तान भारत मा मंहगाई बढ़ाणो बान साजिस रचणु च।  
एक रिपोर्टन चुनावुं तैं टमाटर मंहगा हूणों कारण बताई अर सलाह दे कि भारत मा चुनाव ही नि ह्वावन तो टमाटर का दाम इ नि बढ़ल। 
खैर अबि राजनाथ सिंग एक द्वी हौर रिपोर्टुं जग्वाळ मा छन।  तब तक टमाटर का दाम इनि बढ़ना राला। 


Copyright@  Bhishma Kukreti  31  /7 2014       
*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । 

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Wednesday, July 30, 2014

तेरा हात खुंटो बेटा काँडु न चुबो कबि होन्दु खान्दू रे तू-


जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे, 
तेरा हात खुंटो बेटा काँडु न चुबो कबि होन्दु खान्दू रे तू- 
जी रे जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे 
निंद नि औन्दि भूख नी लगदी, जब गणिदा तेरी बिदाई का बरस – बिदाई का बरस .. 
तेरा दियां दुःख सुख ह्वै जन्दिन, जब सुण्दां तेरि राजि खुशि कैमां – राजि खुशि कैमां, जी रे 
जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे
हम खुंणि छोड़ि गै तू जै काँडोऊं, फूल ह्वैं जांदि तेरा बालपन समळि – बालपन समळि ..
हमनुं क्या बुरु करि, सबि त कदिन अपणि जमाईं डाळ्यूं कि आस- डाळ्यूं कि आस, जी रे
जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे
बाब दादा कुड़ि- पुगंड़ि नि चेंदि त, फणफुक जख रोळि, सुखि सत्ति रैई- सुखि सत्ति रैई
बुलोंदी कबि त्वैमां ऐ जांदा हम बि, नाति- नत्येंणों कि भुकी पे लेंदा- भुकी पे लेंदा, जी रे
जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे
खांण कमांणु हक छ जरुर तेरो भी, एत कबि खड़ाखड़ि देखि पूछि जांदि-देखि पूछि जांदि
हमुंन क्या मंगण छे यो बेटा त्वै मां, ज्युंदि मदी जौंदा आशीष छ त्वैकि-आशीष छ त्वैकि, जी रे ..
जी रे जागि रे, जुगराज रे तू – जी रे
 HillyMusic

गढ़वाळि व्यंग्यकोष -भाग -13

Garhwali Satire Dictionary part 13 
 
                          चबोड़्या  --- भीष्म कुकरेती 


                    अर्थशास्त्र का कुछ शब्द 
अर्थशास्त्र - भगवान छैं च जन  एक अणथाह वळु विचार 
एग्रीकल्चर (कृषि )- सब्सिडी बगैर ज्वा खड़ी नि रै सकदी 
कैपिटलिज्म (पूंजीबाद ) - मुनाफ़ा म्यार , नुकसान सरकारौ 
करेंसी - डॉॅलर , येन का  समिण भिखारी 
डिप्रेसन - विकासशील देसूं मुंडर 
इनकम - जै पर टैक्स लगद 
ब्लैक इनकम - जु हूंद च पर सरकार बुल्दी कि नी च। 
इन्फ्लेसन (मंहगाई )- एक घातक हथियार 
इन्वेस्ट (निवेश ) - स्टॉक मार्किट वाळु कुण खेल कु एक जरिया 
मैनुफैक्चरिंग (उत्पादन ) -भारत मा आफत -शामत अर चीन मा अमेरिका तैं आँख दिखाणो हथियार 
मिनिमम वेज (आधारिक मजदूरी )- मनरेगा योजना की मजदूरी 
मनी (धन ) -जु पैल हतुं मैल हूंद छौ अब मनी स्कैमुँ फैक्ट्रियुं मा निर्मित हूंद 
नीड (जरूरात )- जैकि परिभाषा ना त दर्शन शास्त्री दे सकिन ना आज का मनमोहन सिंग, मोंटेक सिंग जन अर्थशस्त्री दे सकणा छन. सुणन मा अयि कि नरेंद्र मोदीक हिसाब से जरूरात माने अच्छे दिन। 
प्रोडक्ट (उत्पाद /चीज )- चीन मा निर्मित पदार्थं तैं प्रोडक्ट बुले जांद। 
रिसेसन ( मंदी )- निर्यात पर रोक लगाणो समय 
स्केर्सिटी (माल की कमी )- कालाबजार्युं  की एक सिद्धहस्त हस्तकला 
सोसालिज्म (समाजवाद )- जैम च वैमन छीनो 
सरप्लस (जरूरत से ज्यादा )- फ़ूड कॉर्पोरेसनु गोदामुँ मा सड़ाण वाळ चीज 
टैक्स - एक डरौंण्या विचार 
दलाल स्ट्रीट - अधिकृत जुवार्युं  खेल -मैदान 

व्यंग्य शब्दकोश जारी रहेगा ……।

Copyright@ Bhishma Kukreti 30 /7/2014

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Garhwali Folk Story about Origin of Sajwan and Bijlwan Castes

Garhwali Folk Tales, Fables, Traditional Stories, Community Narratives -97

  Compiled and Edited by: Bhishma Kukreti (Management Training Expert)
 (Narrated by Shri Sohan Lal Jakhmola, Jaspur, Malla Dhangu, Pauri Garhwal)
  An old man had two sons. Both were sensible and energetic young men. The old man had contact with the court and king. One day, he old man saw the king in the court. The old man requested the king to get jobs for his young sons.
The king called both the sons. The elder’s name was Saju and younger was Biju. The King offered Saju the job of ‘Executioner’ (Saja Dena) and Gaju was offered the job of Cooking.
 Later on the heirs of Saju were called ‘Sajwan’ a Rajput caste and Biju’s sons were called Bijlwan a Brahmin caste.

                                 References

1-Bhishma Kukreti, 1984, Garhwal Ki Lok Kathayen, Binsar Prakashan, Lodhi Colony, Delhi 110003, 
2- Bhishma Kukreti 2003, Salan Biten Garhwali Lok Kathayen, Rant Raibar, Dehradun
3- Bhishma Kukreti, Garhwali Lok Kathaon ma Prabandh Vigyan ka Tantu , Chitthi Patri’s Lok Kathayen Visheshank  , Dehradun
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XX
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