छन्नी , छन्ना अर मट्यंळ
भीष्म कुकरेती
(Garhwali Satire, Garhwali Humour, Himalayan Language Satire, Satire from Uttarakhandi Languages)
भीष्म कुकरेती
अच्काल श्याम ह्व़े ना अर दरेक/प्रत्येक टी.वी. चैनेलुं मा दिन भर की खबरूं छांच छुल़े जांद.
क्वी चैनेल नाम दींदु हाई डिबेट, क्वी बुलद न्यूज़ हावर , क्वी कुछ .
पण जन हम तैं बीडी -तमाखू ढब पड़ी जांद अर फिर तमाखू पीण बन्द नि होंद , उनि मी तैं टी.वी चैनेलुं
पोलिटिकल डिबेट दिखणो ढब बि पोड़ी गे.
ब्याळी श्याम घरवाळी न ब्वाल ," पोलिटिकल डिबेट दिखण से बढिया तुम चै चिन्नी क प्याला
धून्दा त मी कन्नी क्वी ' 'कब जाएग ए साला 'के' सीरियल' दिखदु.".
मीन जबाब दे " अरे भै ! दिन मा जब मी त्यार अर अपण बांठो जुठ भांड धूंदो त तू 'कब तक बन्द होगा ए 'के ' सीरियल'
नि दिखदी छे की ना?"
घरवाळी क बुलण छौ , " दिनु अर श्याम दें क 'के' सीरियल' मा भौत फरक हूंद. दिनक 'के' सीरियल लाइट ड्रामा होन्दन. जब की
रातू 'के' सिरियलूं मा हाई इमोशनल ड्रामा होंद "
म्यरो जबाब छौ ," हाँ ! इनी च. दिन का पोलिटिकल डिबेट अर श्याम दें क 'पोलिटिकल डिबेट' मा बि इनी फरक होंद".
घरवाळी को जबाब छौ " हुं ! हूंद क्या च ! टी.वी. चैनेलूं ;पोलिटिकल डिबेट ' मा ? चेंनेल का ऐंकर सवाल पुछ्दु अर राजनैतिक पार्टी क
घाघ फुन्द्यानाथ सीधा जाबाब छोड़ीक इनै उनै क फ़ोकट का जबाब दीन्दन . राजनैतिक पार्टियूँ क फुन्द्यानाथुं तैं पूछो तुमर
कुदड़ को क्या हाल छन त वै फ़ुन्द्यानाथौ जबाब हूंद ,"हमारी विरोधी पार्टि क बल्द गिंवड़ उज्याड़ खाणा छन". सवाल हूंद कुदड़ कु
अर यूंक जाबाब हूंद गिंवड़ को "
मीन बोली , " हुं ! त्यार 'के' सिरियलूं से त कम इल्लोजिकल हून्दन यि 'पोलिटिकल डिबेट."
" खन्नौ लौजिक हूंद उख 'पोलिटिकल डिबेटूं मा. टी. वी चैनलुं कत्ति एंकर बिसरी जान्दन बल वो सिरफ़ एंकर छन ना की जज . जादातर
टी.वी चैनलुं क एंकर डिबेट से पैलि अपण फैसला सुणे दीन्दन. इन बि क्या पत्रकारिता कि पत्रकार ही जज बौण जावन ! पत्रकारूं काम च
सवाल -जाबाब करण, सूचना दीण, जागृति सराण/फैलाण ना कि फैसला सुणाण." घरवाळी न रुसेक ब्वाल.
मीन ब्वाल , " त्यार 'के' सिरियलूं से त जादा गंभीर हून्दन 'पोल्यिकल डिबेट' ."
घरवाळी न नड़केक (गुस्सा ) ब्वाल, " किलै छंवां यूँ राजनैतिक पार्टयूँ फुन्द्यानाथुं अर एंकरों तैं गाळी खलाणा! "
मैन जबाब दे , " नही इन नी च ."
घरवाळी को kdk फैसला छौ , " टी.वी चैनालूं क पोलिटिकल डिबेटऊँ का राजनैतिक छुयूँ छांच छुलै मा ना त नौण /नौणि निकळदि अर ना ही छांच . .
बस छांच छुल़े हुंद बस दै खराब हूंद , मेनत बि भेळउन्द जोग हुंद, अर हाथ कुछ नि आन्द."
मीन बोली , " नहे . यू तेरो पोलिटिकल डिबेटों बारा मा यूँ नेगेटिव सोच च. "
घरवाळी न फडेक ब्वाल , " हं ! मी नेगिटिव अर उ जु राजनैतिक पार्टयूँ क फुन्द्यानाथ डिबेटों मा भाग लीन्दन ओ क्या पोजिटिव छ्न ?"
मीन पूछ , " मतबल ?"
घरवाळी को कडक जबाब थौ, " अरे उ जो राजनैतिक पार्टयूँ क नेता डिबेट मा आन्दन सबी गूणी जन बात करदन ."
मीन घंघतोळ मा पूछ , "गूणी ...?"
घरवाळी न बिंगायी ," हाँ ! जन गूणी अपण पूँछ त दिखदु इ नी च अर बांदरौ खुणी बोल्दु बल , हे बांदर ! त्यार पूँछ लम्बो च .
इनी छन य़ी राजनीति का फुन्द्यानाथ . बेशरम, बेल्ल्ज्ज . बी जे पी वाळ कोंग्रेस पर भगार लगान्द बल कोंग्रेस्सी भ्रष्ट छ्न .
अर भूलि जान्दन बल कर्नाटक मा यदुरपा न क्या क्या खेल खेलिन, उत्तराखंड मा निशंक को क्या भ्रष्ट हाक छया . अर इनी कांग्रेसी
छन . कांग्रेसी यदुरप्पा तैं बड़ा पापी बथान्दन पण अपण दें कलमाड़ी, अशोक चौहाण, प्रताप सिंग कैरों की बात बिसरी जान्दन."
मी कुछ जबाब द्यून्द कि नौनु ब्वारी न भितर बिटेन जबाब दे , " हाँ १ पापा ये सब राजनैतिक प्रवक्ता छलनी हैं, सब छन्ना हैं सब मट्यंळ हैं .
अर यूँ सबि राजनैतिक प्रवक्ताओ क हाल इन छन . छन्नि अपण दुंळ त दिख्दी नी च पणमट्यंळ खुण बुल्दी बल मट्यंळ फर भौत दुंळ/छेद छ्न".
म्यार कक्या ससुर बोल्दा छया बल जब कबि सासू अर ब्वारी एकी भौणम बुलण बिस्यावन त ससुर तैं उख बिटेन भाजी जाण चएंद .मी
भैर सिगरेट लीणो चली ग्यों
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